Part-2/
पिछले 2 महीनों में सरकार ने जो-जो कदम उठाए हैं, उनका लेखा-जोखा देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद 74,300 करोड़ रुपये से भी अधिक की राशि की हुई; पीएम किसान फंड के तहत 18,700 करोड़ रुपये का हस्तांतरण हुआ और पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6,400 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया है।
इसके अलावा, लॉकडाउन के दौरान दूध की मांग 20-25% कम हो गई। तदनुसार, सहकारी समितियों द्वारा 560 लाख लीटर प्रति दिन (एलएलपीडी) की...
more... खरीद की गई, जबकि 360 लाख लीटर प्रति दिन की बिक्री हुई। कुल 111 करोड़ लीटर दूध की अतिरिक्त खरीद हुई जिससे 4100 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित हुआ।
इसके अलावा, वर्ष 2020-21 में डेयरी सहकारी समितियों को प्रति वर्ष 2% की दर से ब्याज सब्सिडी देने के लिए एक नई योजना शुरू की गई है। इसके साथ ही त्वरित भुगतान/ब्याज अदायगी पर 2% वार्षिक की अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी दी जा रही है। इस योजना से 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता सुलभ होगी, जिससे 2 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।
मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए, 24 मार्च को की गईं कोविड से संबंधित सभी 4 घोषणाएं लागू कर दी गई हैं। इसके अलावा 242 पंजीकृत झींगा हैचरी (बाड़े) और नौपली रियरिंग हैचरीज के पंजीकरण को 3 महीने का विस्तार दिया गया है, जो 31.03.2020 को एक्सपायर हो रहा था और इनलैंड (आंतरिक) मत्स्य पालन को कवर करने के लिए मैरीन कैप्चर फिशरीज और एक्वाकल्चर में छूट दे दी गई है।
सुश्री सीतारमण ने कहा कि आज की गईं घोषणाओं से किसानों, मछुआरों की जिंदगी, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों पर दीर्घकालिक और स्थायी असर होगा।
वित्त मंत्री ने कृषि, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों के लिए आधारभूत ढांचा लॉजिस्टिक्स को मजबूत बनाने और क्षमता निर्माण के लिए निम्नलिखित उपायों की घोषणा की :-
1. किसानों के लिए कृषि द्वार (फार्म-गेट) आधारभूत ढांचे पर केन्द्रित 1 लाख करोड़ रुपये का कृषि आधारभूत ढांचा कोष
फार्म-गेट और एकत्रीकरण बिंदुओं (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों, कृषि उद्यमियों, स्टार्ट-अप आदि) पर मौजूद कृषि आधारभूत ढांचा परियोजनाओं को वित्तपोषण के लिए 1,00,000 करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। किफायती और वित्तीय रूप से व्यवहार्य कृषि बाद प्रबंधन आधारभूत ढांचे से फार्म-गेट और एकत्रीकरण बिंदु के विकास के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इस कोष की तत्काल स्थापना की जाएगी।
2. सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों (एमएफई) के औपचारिकरण के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने वाली योजना : 2 लाख एमएफई की सहायता के लिए ‘वैश्विक पहुंच के साथ वोकल फॉर लोकल’ का शुभारम्भ किया जाएगा। इससे ऐसे उद्यमियों को फायदा होगा, जिन्हें एफएसएसएआई खाद्य मानकों को हासिल करने, ब्रांड खड़ा करने और विपणन के लिए तकनीक उन्नयन की जरूरत है। वर्तमान खाद्य उद्यमियों, किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और सहकारी समितियों को भी समर्थन दिया गया है। इसमें महिलाओं और एससी/एसटी के स्वामित्व वाली इकाइयों और आकांक्षी जिलों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा तथा क्लस्टर आधारित रणनीति (जैसे- उत्तर प्रदेश में आम, कर्नाटक में टमाटर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, महाराष्ट्र में संतरा आदि) को अपनाया जाएगा।