20वीं शताब्दी के भारतीय आजादी (1947) के 50 वर्षों के बाद अंतिम दशक में बिहार के अंगभूमि (भागलपुर), मंदारभूमि (मंदारहिल/बौंसी), पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र वीरभूम (रामपुरहाट), तथा इनसे सटे संथालभूमि (दुमका) के बीच की सांस्कृतिक, सामाजिक, वाणिज्यिक एवं वास्तविक जमीनी दूरी को कम करने वाली वैकल्पिक सीधी रेल सेवा चालू करने केलिए "भागलपुर-मंदारहिल पुराने रेलखंड" का विस्तार
"मंदारहिल-दुमका-रामपुरहाट"
नई रेल परियोजना का शिलान्यास 1999 ई मे तत्कालीन बंगाल/बिहार के मंत्रियों/राजनीतिज्ञों _ _ _ _ _ _ _ _ _ की अथक प्रयास से भारत सरकार ने किया था |...
more...
जिसका विभिन्न चरणों मे संचालन हुआ है ।
Mandar Hill से Hansdiha दिसम्बर 2012 (दूसरी चरण)
Hansdiha से Mandar Hill 22-12-2012
Hansdiha से Barapalasi सितम्बर 2016 (छठी चरण)
Barapalasi से Hansdiha 28-09-2016
Barapalasi से Dumka फरवरी 2014 (तीसरी चरण)
Dumka से Barapalasi 10-02-2014
Dumka से AmbaJora Sikaripara जून 2015 (पांचवी चरण)
AmbaJora Sikaripara से Dumka 04-06-2015
AmbaJora Sikaripara से Pinargaria जून 2014 (चौथी चरण)
Pinargaria से AmbaJora Sikaripara 30-06-2014
Pinargaria से Rampurhat नवम्बर 2012 (पहली चरण)
Rampurhat से Pinargaria 25-11-2012
आज (दिनांक 29-सितम्बर-2016, गुरुवार) झारखंड के उपराजधानी (दुमका) में खास के साथ-साथ आम लोगों ने भी अंग-बंग सांस्कृति को काफी नजदीक से अनुभव करने सौभाग्य प्राप्त किया है ।