गेज कन्वर्जन : सीआरएस ने किया निरीक्षण
रतलाम। ठीक 420 दिन बाद मंगलवार को जब रतलाम-फतेहाबाद के बीच ट्रैक पर ट्रायल रन के लिए सीआरएस स्पेशल दौड़ी तो रास्ते में पड़ने वाले स्टेशनों के निवासियों के चेहरों पर खुशी छा गई। स्पेशल ट्रेन में सीआरएस पद्मसिंह बघेल, सीई एमएस चौहान, सीएओ अनिरुद्ध जैन के साथ मंडल के विभिन्ना विभागों के प्रमुख अधिकारी मौजूद थे। रास्ते में हर स्टेशन पर इसे देखने वालों की आंखों में जल्द ही रेलखंड पर यात्री ट्रेन की सुविधा मिलने की उम्मीद चमक उठी। सीआरएस ने रेलखंड का परीक्षण कर इसे 'फिट' बताया है। सीआरएस की रिपोर्ट पश्चिम रेलवे मुख्यालय भेजी जाएगी। मुख्यालय से औपचारिक स्वीकृति आने के बाद मार्च के पहले सप्ताह में रेलखंड पर यात्री ट्रेन...
more... शुरू होने की पूरी उम्मीद है।
फतेहाबाद से रतलाम स्टेशन पर मंगलवार शाम सीआरएस पद्मसिंह बघेल के 'ओके' कहते ही वहां मौजूद अधिकारियों के चेहरों पर मुस्कान दौड़ गई और बधाई देने का सिलसिला चल पड़ा। अधिकारियों ने एक-दूसरे के साथ गैंगमेन और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को भी बधाई दी। कुछ देर के लिए माहौल पर्व जैसा हो गया। सीआरएस बुधवार सुबह डीआरएम और विभिन्ना विभाग प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद रेलखंड पर चलने वाली ट्रेन की गति, समय और अन्य तकनीकी बातें तय होंगी और उनकी घोषणा की जाएगी। हालांकि अधिकारियों को ट्रैक पर 90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने का अनौपचारिक अनुमोदन दे दिया गया है।
भर बारिश में जांचा सेक्शन
सोमवार को सीआरएस ने रेलखंड पर ट्रैक की मजबूती और स्टेशनों की व्यवस्था देखने के लिए ट्रॉली से रतलाम से बड़नगर तक का सफर किया था। मंगलवार सुबह उन्होंने बड़नगर से फतेहाबाद के बीच रेलखंड का निरीक्षण प्रारंभ कर पूरे क्षेत्र में बारिश के बावजूद सीआरएस ने ट्रॉली में बैठकर पटरियों की मजबूती जांची। पीरझालर से गौतमपुरा स्टेशन के बीच रेलखंड पर ऑपरेटिंग पॉइंट पर चूंक पाए जाने पर सिग्नल, ऑपरेटिंग और कंट्रोल के अधिकारियों को तलब किया। अधिकारियों ने तत्काल तकनीकी खामी दूर करवाई। इसके बाद ओसरा होते सीआरएस की ट्रॉली फतेहाबाद पहुंची।
चित्तौड़गढ़ के चालक लाए ट्रेन
सीआरएस स्पेशल गति परीक्षण के लिए फतेहाबाद से शाम 4.26 पर रवाना हुई। ट्रेन में लगे खास यंत्रों और उपकरणों से ट्रैक पर गति के दौरान होने वाले कंपन, घुमाव के दौरान दृश्यता और अन्य जांचें की गई। ट्रेन को चित्तौड़गढ़ के ड्राइवर तिलकेश कुमार, असिस्टेंट ड्राइवर राजेश मीणा, गार्ड जेपी सिंह सेनी लेकर आए। ट्रेन में डीआरएम ललिता वेंकटरमन, सीनियर डीईएन (एचक्यू) प्रदीप अहिरकर, सीनियर डीओएम दिपांजन रॉय, सीनियर डीएमई अंशुमान कुमार सहित अनेक मंडल अधिकारी मौजूद थे। ट्रेन को उच्चतम गति पर भी चला कर देखा गया। औसत 120 की रफ्तार से चली ट्रेन को केवल गौतमपुरा में 7 मिनट रोका गया। वहां स्टेशन मास्टर के ऑफिस में पानी भरने को लेकर सीआरएस ने नाराजगी जताई। फतेहाबाद से रतलाम तक का सफर स्पेशल ट्रेन ने 50 मिनट तय किया। शाम 5.16 बजे ट्रेन रतलाम रेलवे स्टेशन पहुंची।
पश्चिम से सीधे
दक्षिण को जोड़ेगा
जयपुर-सिकंदराबाद गेज कन्वर्जन परियोजना के तहत 2010 में रतलाम-महू-अकोला रेल लाइन पर गेज कन्वर्जन का काम प्रारंभ किया गया है। इसके पहले चरण में रतलाम से फतेहाबाद के बीच 200 करोड़ रुपए की योजना में गेज कन्वर्जन का काम 2011 अप्रैल में प्रारंभ किया गया था। इसके लिए 1 जनवरी 2013 से रतलाम से फतेहाबाद 82 किमी रेलखंड पर यातायात भी बंद है। 420 दिन बाद ट्रैक पर सीआरएस स्पेशल ट्रेन के दौड़ते ही पूरी परियोजना में नया उत्साह नजर आने लगा है। अगले चरण में फतेहाबाद से इंदौर के बीच 40 किमी रेलखंड पर ब्रॉडगेज पटरियां बिछाई जाएंगी। रेलवे ने इस काम के लिए 6 महीने का लक्ष्य रखा है। अगर आगे का काम समय सीमा में होता है तो 2019 तक अकोला तक परियोजना पूर्ण हो सकेगी। -निप्र
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