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विकिपीडिया से रायपुर रेलवे स्टेशन का सन 1920 का एक फोटोग्राफ मिला. इसे देखकर मुझे पुराने दिन याद आए जब हम नाना के यहां बिलासपुर, हावड़ा मेल से जाते थे और रायपुर स्टेशन दिखता था. तब से अब तक बहुत चेंज आ गया है, एक चीज ही न बदल पाई और वो है कि पहले भी बालाघाट से...
more... रायपुर बिलासपुर के लिए गोंदिया में ट्रेन बदलना पड़ता था और अब भी वहीं बात. बहुत आश्चर्य लगता है कि तेज़ी से विकसित हो रहे भारतीय रेल में आज भी कुछ बाते हैं जो कम से कम छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिले के रेल यात्रियों को परेशान कर देती हैं और वो है इन क्षेत्रों से छत्तीसगढ़ के लिए कोई भी सीधी दैनिक ट्रेन न होना. आज भी इन क्षेत्रों के लोगों को महंगा खर्च करके और समय की बर्बादी करके ट्रेन और बसें, बदल बदल कर कोरबा, रायपुर, जगदलपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग और भिलाई आना जाना पड़ता है. एक ट्रेन के बारे में सुना था कि जबलपुर रायपुर इंटरसिटी शुरू होने वाली है वो भी कैंसिल कर दी गई. कारण इस ट्रेन का इंजन, गोदिया में रिवर्स करना पड़ता. सिर्फ इसी कारण से इस ट्रेन को रद्द कर दिया गया जबकि ये ट्रेन अगर शुरू हो गई होती तो बहुत सुविधा होती. लोको रिवर्सल, भारतीय रेल में एक सामान्य व्यवस्था है जो विभिन्न दिशाओं में रेल यात्रियों के लिए पहुंच सुविधा प्राप्त कराती है. आज भी इटारसी, सहारनपुर, विशाखापत्तनम जैसे अनेक स्टेशनों में ट्रेनों का लोको रिवर्सल होता है. बहुत साल से सुन रहे हैं, हर राजनैतिक दल के नेतागण कहते हैं हम रायपुर के लिए सीधी, डेली रेलसेवा दिलवाएंगे, हर बार के चुनाव में वादा करते हैं और भूल जाते हैं. आज तक छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिले के रेल यात्रियों को छत्तीसगढ़ जाने के लिए किन्ही भी जनप्रतिनिधियों ने रेलसेवा उपलब्ध नहीं करा पाई. बहुत दुःख की बात है. जबलपुर गोदिया ब्रॉडगेज रेलमार्ग बनने के बाद भी इटारसी होकर जाने वाली उत्तर से दक्षिण भारत की ट्रेनें इस रूट से नहीं चल पाई हैं, रोजाना सैकड़ों मालगाडियां इस रूट से रेलवे संचालित करते हैं पर एक्सप्रेस ट्रेनों को इस रूट में चलाने के लिए वे कुछ नहिं करते उल्टा सिंगल रूट, स्टाफ की कमी और लोको रिवर्सल का बहाना बनाते हैं, इन सबमें वो तकनीकी कारण भी बताते हैं, अरे भई जब मालगाड़ियां चल रही हैं तब कोई दिक्कत नहीं तो एक्सप्रेस ट्रेनों के चलाने में भी दिक्कत नहीं होना चाहिए. डी आर एम और रेलवे के अधिकारी आते हैं, जनप्रतिनिधि आते हैं, रेलमार्गों का , स्टेशनों का मुआयना करते हैं, मीडिया में बड़ी बाते करते हैं और चले जाते हैं, पर ठोस काम कुछ नहीं होता. बस हर बार वादें करना और भूल जाना. कई सालों से यहीं चल रहा है. त्योहारों में हर रेल जोन स्पेशल ट्रेनें चलाते हैं, जबलपुर गोंदिया रेलमार्ग को इसके लिए भी कोई ट्रेन नहीं मिलती. जहां पहले से बहुत ट्रेनें हैं वहां रेलवे और नई ट्रेनें दे देते हैं, पर जहां जिस रूट पर ट्रेनों की कमी है वहां मांगो तो भी ट्रेनें नहीं मिलती. कुछ ट्रेनों का रूट डायवर्ट कर चलाने के लिए अनुरोध करते हैं, वहां भी नहीं सुना जाता. अब क्या किया जाए? केन्द्र में भाजपा की सरकार है, राज्य में भाजपा की सरकार है और जिले में भी भाजपा की सरकार है तो भई रेल सुविधाएं तो दीजिए. सबकुछ हाथ में है. नई ट्रेन न दे सकें तो कम से कम
ट्रेन नं. 12809 UP_ 12810 DN मुम्बई CSMT हावड़ा मेल को तुमसर रोड तिरोड़ी कटंगी वारासिवनी बालाघाट गोंदिया होकर चलाएं
तथा
ट्रेन नं. 22911 UP_ 22912 DN शिप्रा एक्सप्रेस को भोपाल आमला छिंदवाड़ा नैनपुर बालाघाट गोंदिया दुर्ग बिलासपुर टाटानगर होकर चलाएं.
JABALPUR GONDIA BALHARSHAH BROADGAUGE
JABALPUR NAINPUR SEONI CHHINDWARA NAGPUR BROADGAUGE
TUMSAR KATANGI BALAGHAT BROADGAUGE
NAINPUR MANDLA FORT BROADGAUGE
GONDIA ROR
GONDIA BYPASS RAILWAY LINE
ITWARI NAGBHIR BROADGAUGE