#kota_rail_news
कोटा मंडल की सबसे लंबी सुरंग में ट्रेन दौड़ाने की तैयारी
- सीआरएस का आज घाटोली-नयागांव रेलखंड निरीक्षण
कोटा। रेलवे द्वारा रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना में घाटोली-नायागांव स्टेशनों के बीच बनी कोटा मंडल की सबसे लंबी सुरंग में ट्रेन दौड़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके चलते रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएएस) मनोज अरोरा बुधवार को घाटोली-नयागांव रेल खंड (15 किलोमीटर) का निरीक्षण...
more... करेंगे। यदि सबकुछ ठीक रहा तो अरोरा घाटोली से नयागांव तक भी ट्रेन चलाने की अनुमति दे सकते हैं। निरीक्षण के दौरान अरोरा द्वारा ट्रेन को सौ किलोमीटर से अधिक रफ्तार से भी दौड़ाया जाएगा। इसके चलते रेलवे ने लोगों से रेल पटरियों से दूर रहने की अपील भी की है।
मुंबई-अमृतसर डिलक्स एक्सप्रेस से अरोरा मंगलवार रात कोटा पहुंचेंगे। यहां से अरोरा जबलपुर से पहुंची निरीक्षण यान स्पेशल ट्रेन से घाटोली रवाना होंगे। निरीक्षण के दौरान अरोरा के साथ जबलपुर मुख्यालय और कोटा मंडल के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
अभी अकलेरा तक चल रही ट्रेन
उल्लेखनीय है कि अभी अकलेरा तक ही ट्रेन का संचालन हो रहा है। 12 मार्च को ही जूनाखेडा और झालावाड़ ट्रेन का विस्तार अकलेरा तक किया गया था। हालांकि सीआरएस ने घाटोली तक ट्रेन चलाने की अनुमति पहले ही दे रखी है। अब नयागांव तक भी अनुमति मिलने के बाद यहां तक ट्रेन संचाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
सुरंग में रोमाचंक होगा सफर
रामगंजमंडी-भोपाल रेल खंड में झालावाड़ से अकलेरा और ब्यावरा के बीच पहाडिय़ों को काटकर चार सुरंगे बनाई गई हैं। केलखोयरा, पचौला, घाटोली और नयागांव में बनाई इनमें सबसे बड़ी सुरंग आसलपुर में है। इसकी कुल लंबाई 1240 मीटर है। कोटा मंडल की इस सबसे लंबी सुरंग के पासपास का नजारा बेहत खुबसूरत नजर आता है। बारिश में यह और भी ज्यादा आकर्षक लगता है। रात में टनल के अंदर लाइटों की सफेद रोशनी से इस सुरंग की सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है। ऐसे इस सुरंग से सफर का नाजारा यात्रियों का बेहत रोमाचिंत करेगा।
ब्यावरा तक है कोटा मंडल
नयागांव के बाद खिलचीपुर, राजगढ नृहसिंहपुरा तथा ब्यावरा है। करीब 276 किलोमीटर रामगंजमंडी-भोपाल रेल परियोजना में से ब्यावरा तक 165 किलोमीटर तक का हिस्सा कोटा मंडल का है। यहां तक कोटा मंडल द्वारा काम किया जाएगा। नया गांव तक अभी करीब सौ किलोमीटर तक काम पूरा हो चुका है। 65 किलोमीटर का काम और बाकी है। इसके आगे का करीब 111 किलोमीटर का काम भोपाल मंडल द्वारा किया जाएगा।