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परिचालन लागत और विफलता जोखिमों को कम करने के लिए बढ़ी हुई अक्षय ऊर्जा क्षमता और परिवर्तनीय विद्युत की मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कोयला बिजली संयंत्रों के लचीले संचालन को बढ़ाने के लिए भी तेजी से काम चल रहा है। दोनों पक्षों ने कार्बन संग्रहण, उपयोग और भंडारण (सीसीयूएस)के माध्यम से कम-से-शून्य उत्सर्जन के साथ उन्नत उच्च दक्षता वाली कोयला प्रौद्योगिकियों पर सहयोग करने हेतु सहमति व्यक्त की है, जो कि यूएसडीओई के कोयले की प्राथमिकता यानि कोल फर्स्ट (लचीला, नवाचारी, फिर से उपयोगी, छोटा, परिवर्तनशील) पहल को 21वीं सदी की कोयला ऊर्जा प्रणाली के रूप में विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।
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तकनीकी सहयोग के नए क्षेत्रों में आर्थिक क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा का अनुप्रयोग सहित; नवीकरणीय ऊर्जा के लिए नए व्यापार ढ़ांचा और निर्णय-लेने वाले उपकरणों का विकास; कौशल निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम; और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों की साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उभरती डिजिटल प्रौद्योगिकियों और उन्नत आईटी प्रबंधन उपकरणों को अपनाना शामिल है।
ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को बढ़ाना
अमेरिका और भारत भविष्य के निर्माण, स्मार्ट मीटर और मांग आधारित कार्य के साथ-साथ कोड बनाने की दक्षता, संरचना और संचालन के माध्यम से दक्षता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, साथ ही प्रदर्शन में सुधार करने, ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने और घरों के अंदर वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए भी तेजी से कार्ययोजना पर काम चल रहा है। दोनों पक्ष वितरित ऊर्जा संसाधन योजना के लिए व्यवहारिक ऊर्जा दक्षता कार्यक्रम और तकनीकी सहायता के विकास की दिशा में काम कर रहे हैं। दोनों पक्ष औद्योगिक क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए भी काम कर रहे हैं और आईएसओ50001 के अनुसार एक व्यापक ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए भी काम करेंगे। कोविड-19 महामारी के कारण, यूएसएआईडी और ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) एक साथ संयुक्त रूप से स्वस्थ और ऊर्जा कुशल इमारतों के लिए "सुरक्षा और क्षमता के लिए वायु गुणवत्ता में सुधार हेतु एयर कंडीशनिंग का रेट्रोफिट" (आरएआईएसई-रेज) की शुरुआत की है। इस पहल का सार्वजनिक क्षेत्र की इमारतों में उपयोग किया जाएगा।
ऊर्जा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना
दोनों पक्षों ने एसईपी की स्थापना के बाद से द्विपक्षीय हाइड्रोकार्बन व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि को रेखांकित किया है, द्विपक्षीय हाइड्रोकार्बन व्यापार 2019-20 के दौरान 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा, जो 2017-18 के बाद से 93% वृद्धि दर्शाता है, और दोनों के बीच अधिक से अधिक हाइड्रोकार्बन व्यापार को बढ़ावा देने की पुष्टि भी करता है।
अमेरिका-भारत प्राकृतिक गैस कार्य बल के माध्यम से, अमेरिकन और भारतीय उद्योग ने नवीन परियोजनाओं पर नई वाणिज्यिक साझेदारी की है और भारत सरकार के ऊर्जा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करने हेतु नीति और नियामक सिफारिशों की एक श्रृंखला भी विकसित की है। दोनों पक्षों ने ऊर्जा क्षेत्र में व्यापार और निवेश की चुनौतियों और अवसरों पर उद्योग के अनुसार दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए कई सार्वजनिक-निजी संवाद भी किए हैं।
दोनों पक्षों ने हमारे असैन्य परमाणु सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अपनी सरकारों की मजबूत प्रतिबद्धता पर भी ध्यान केन्द्रित किया है, और कोवाडा में वेस्टिंगहाउस वाणिज्यिक रिएक्टर परियोजना पर हाल की प्रगति का भी स्वागत किया, जो हमारे रणनीतिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
दोनों पक्ष ऊर्जा क्षेत्र में राष्ट्रीय विकास के एक-दूसरे के दृष्टिकोण का समर्थन करने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए भी सहमत हुए, जिसमें संभावित परियोजनाओं की एक सूची साझा करना शामिल है, जिसके तहत दोनों पक्षों की कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
समावेशी और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
दोनों पक्ष ऊर्जा आंकड़ा प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रकियाओं और तरीकों के माध्यम से दीर्घकालिक ऊर्जा विकास और योजनाओं तथा रणनीतियों को बढ़ाने; ऊर्जा मॉडलिंग और कम कार्बन प्रौद्योगिकियों के संवर्धन में क्षमता निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। थिंक टैंक, नीति शोधकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और भारत की सरकारी एजेंसियां डीओई राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और संबंधित अमेरिकी सरकार तथा निजी एजेंसियों के साथ मिलकर उपरोक्त सुविधा के लिए सहयोग करेंगी। यूएसएआईडी और नीति आयोगने संयुक्त रूप से मॉडलिंग समुदाय का एक समूह बनाने तथा विश्लेषणात्मक कार्य एवं नीति निर्माण के लिए सरकार के साथ जुड़कर कार्य करने हेतु भारत के ऊर्जा मॉडलिंग फोरम का शुभारंभ किया।
ऊर्जा क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाना
ऊर्जा नवाचार का समर्थन करने और भविष्य में महत्वपूर्ण ऊर्जा चुनौतियों का सामना करने के लिए विविध कौशल के साथ अधिक संतुलित कार्यबल की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए मंत्रियों ने एसईपी प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऊर्जा क्षेत्र में लिंग विविधता, लिंग मुख्यधारा, और महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध किया। यूएसएआईडी ने विद्युत क्षेत्र पर केंद्रित दक्षिण एशिया वूमन इन एनर्जी (एसएडब्ल्यूआईई)प्लेटफॉर्म की शुरुआत की और दोनों पक्ष तकनीकी स्तंभों के रूप में लिंग केंद्रित गतिविधियों को शामिल करने के लिए काम कर रहे हैं।
सामरिक ऊर्जा साझेदारी टीमें निकट भविष्य में फिर से सहयोग के संबंधित स्तंभों के लिए कार्य योजनाओं को विकसित करने हेतु बुलाएंगी। अगली मंत्रिस्तरीय बैठक 2021 में होगी।
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परिशिष्ट
दोनों देशों के सामरिक और आर्थिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका-भारत सामरिक ऊर्जा साझेदारी (एसईपी) वार्ता के तहत निम्नलिखित समझौतों और साझेदारी की घोषणा की गई:
सामरिक पेट्रोलियम भंडार पर सहयोग के बारे में अमेरिकी ऊर्जा विभाग और भारतीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन।
एयर कंडीशनिंग प्रणाली के ऊर्जा कुशल संरचना पर कार्य कर रहे लोगों के लिए पेशेवर कौशल विकास हेतु इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनर (आईएसएचआरएई) के साथ अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एंजेसी (यूएसएआईडी) के बीच समझौता ज्ञापन।
ईईएसएल, एनटीपीसी और यूएसएआईडी के बीच इमारतों के रेट्रोफिट के लिए अंदर की वायु गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता में सुधार करने के लिए समझौता ज्ञापन।
यूएसएआईडी ने भारत के राष्ट्रीय ओपन एक्सेस रजिस्ट्री (एनओएआर) को विकसित करने के लिए पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पीओएसओसीओ)के साथ साझेदारी की घोषणा की।
देश के ऊर्जा अवस्थांतरया पारगमन का समर्थन करने और निजी निवेश जुटाने के लिए भारत के ग्रिड के लचीलेपन और मजबूती को बढ़ाने हेतु अमेरिका-भारत स्वच्छ ऊर्जा वित्तीय कार्य बल के लचीले संसाधन पहल के तहत अमेरिकी विदेश विभाग और भारत के विद्युत मंत्रालय के बीच भारत के लोगों के लिए विश्वसनीय, कम लागत वाली बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से स्टेटमेंट ऑफ इंटेट (आशय का कथन) जारी।
भारत में केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग और संघीय ऊर्जा नियामक आयोग (यूएसए) ने विनियमन और विद्युत बाजारों को विकसित करने के लिए सर्वोत्तम तरीकों को साझा करने हेतु एक समझौते के तहत काम कर रहे हैं।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने नवाचार और विघटनकारी तकनीकों सहित, अमेरिका-भारत ऊर्जा सहयोग के लिए निजी क्षेत्र के साथ और विचारों को सुविधाजनक बनाने हेतु एशिया ऐजपहल के तहत भारत के लिए एक ऊर्जा उद्योग कार्य समूह की शुरुआत की।
यूएसटीडीए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के साथ रिफाइनरियों में आरुष गैस प्रौद्योगिकी सेवाओं (एजीटीएस) और कार्बन संवर्धन और उपयोग हेतु प्रौद्योगिकियों के साथ वर्चुअल पाइपलाइन बुनियादी ढांचे को लागू करने के लिए हाल ही में वित्त पोषित परियोजनाओं के माध्यम से भारत में ऊर्जा पहुंच और दक्षता का समर्थन कर रहा है।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय और यूएसएआईडी द्वारा प्रायोजित पावर एंड एनर्जी एफिशिएंसी पिलर बैठक के अवसर पर आयोजित उद्योग के सामूहिक बैठक में "स्मार्ट ग्रिड्स में ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस" बनने के लिए "स्मार्ट ग्रिड नॉलेज केन्द्र का रणनीतिक रोडमैप" जारी करना।