कानपुर-फरुखाबाद रूट पर चलेंगी सुपर फास्ट ट्रेनें
कानपुर से फरुखाबाद-कासगंज होकर मथुरा तक जाने वाली रेलवे लाइन का अब कायाकल्प किया जाएगा। विद्युतीकरण के बाद ट्रैक को द्रुतगामी (स्पीड ट्रैक) बनाने के लिए इज्जतनगर मंडल बरेली की रेलपथ टीम आएगी। कई ¨बदुओं पर सर्वे कर ट्रैक की खामियों को दूर कराया जाएगा ताकि इस रूट पर राजधानी व शताब्दी जैसी सुपर फास्ट ट्रेनों का संचालन किया जा सके।
रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण के बाद किए गए लोको ट्रायल में इलेक्ट्रिक इंजन को 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ाया गया था। अधिकारियों ने...
more... पाया कि कानपुर से मथुरा तक 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन को दौड़ाया जा सकता है। इससे अधिक रफ्तार के लिए इस ट्रैक को मुफीद नहीं माना गया है।
भविष्य में दिल्ली-हावड़ा रूट बाधित होने पर इस ट्रैक पर राजधानी, शताब्दी व तेजस जैसी सुपरफास्ट गाड़ियों को भी डायवर्ट किया जा सकता है।
ट्रैक की स्पीड कम होने पर इस रूट पर 100 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से अधिक गाड़ियों को दौड़ाना सुरक्षित नहीं है, जबकि ये गाड़ियां 100 से अधिक गति पर दौड़तीं हैं। ऐसी स्थिति में ट्रैक को द्रुतगामी बनाने के लिए इज्जतनगर मंडल की रेलपथ इंजीनियरों की टीम सर्वे करेंगी। जिन स्थानों पर खामियां होंगीं, उन्हें दुरुस्त किया जाएगा ताकि इस रूट को सुपर फास्ट ट्रेनों के लिए मुफीद बनाया जा सके।
कई जगह लेना पड़ता कॉशन : कानपुर से फरुखाबाद जंक्शन तक ट्रेनों को कई जगह कॉशन लेकर गुजारना पड़ता है, जिससे एक्सप्रेस ट्रेनों की गति केवल 40 किमी प्रतिघंटा रह जाती है। फतेहगढ़ में नेकपुर पुल की ऊंचाई कम होने से इंजन का पैंटो नीचे करना पड़ता है। वहीं, गुरसहायगंज व मलिकपुर स्टेशन के बीच पुलिया कमजोर होने पर कॉशन लेना पड़ता है। इसी तरह खुदागंज में काली नदी पुल तथा चौबेपुर में नून नदी पुल पर भी कॉशन पर ट्रेन गुजरती है।
फ्रेट कॉरीडोर की तर्ज पर बनेगा ट्रैक : सीनियर डिवीजनल इंजीनियर निदरेष कुमार बघेल बताते हैं कि कानपुर से मथुरा वाया फरुखाबाद-कासगंज रेलवे ट्रैक को फ्रेट कॉरीडोर की तर्ज पर बनाया जाएगा। रेलपथ टीम पटरियों में उछाल और स्लीपरों की गुणवत्ता को परखेगा। जनवरी में सर्वे का काम पूरा होने के बाद ट्रैक को दुरुस्त किया जाएगा।
लोको ट्रायल के दौरान अधिकतम गति की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। अब सीआरएस (चीफ ऑफ रेलवे सेफ्टी) ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद रेलपथ टीम ट्रैक को दुरुस्त करेगी।
संतोष कुमार तिवारी, परियोजना प्रबंधकफ्रेट कॉरीडोर की तर्ज पर बनेगा ट्रैक : सीनियर डिवीजनल इंजीनियर निदरेष कुमार बघेल बताते हैं कि कानपुर से मथुरा वाया फरुखाबाद-कासगंज रेलवे ट्रैक को फ्रेट कॉरीडोर की तर्ज पर बनाया जाएगा। रेलपथ टीम पटरियों में उछाल और स्लीपरों की गुणवत्ता को परखेगा। जनवरी में सर्वे का काम पूरा होने के बाद ट्रैक को दुरुस्त किया जाएगा।
लोको ट्रायल के दौरान अधिकतम गति की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। अब सीआरएस (चीफ ऑफ रेलवे सेफ्टी) ट्रैक का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद रेलपथ टीम ट्रैक को दुरुस्त करेगी।
संतोष कुमार तिवारी, परियोजना प्रबंधक